मोदी की तारीफ, खरगे की खरी-खरी के बाद आखिर क्या कर रहे शशि थरूर, जान लीजिए

में भारत का पक्ष रखने और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने के बाद व्यस्त हैं। उन्होंने सांसदों के साथ भोजन किया, संसदीय समिति की बैठक में भाग लिया, और आमिर खान के साथ फिल्म देखी।

Shashi Tharoor praises PM Modi controversy
नई दिल्लीः कांग्रेस नेता शशि थरूर आजकल बहुत व्यस्त हैं। वह 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत विदेशों में भारत का पक्ष रख चुके हैं। उन्होंने पहलगाम हमले पर सरकार की कार्रवाई की तारीफ की। पीएम मोदी की तारीफ करने पर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा। इस वजह से उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी खरी-खरी सुनाई। इन सब बातों के बाद थरूर ने अपनी व्यस्तता की बात कही है।

शशि थरूर ने X पर लिखा, 'पिछले 48 घंटे काफी व्यस्त रहे। मास्को से लौटने के बाद, कई महत्वपूर्ण काम हुए। इनमें सांसदों के साथ दोपहर का भोजन, बांग्लादेश पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक और आमिर खान की फिल्म 'सितारे जमीन पर' की स्क्रीनिंग शामिल हआ। आमिर खान के साथ देर रात बातचीत भी हुई। शनिवार को अहमदाबाद में AMA संवाद और YPO के साथ रात्रिभोज हुआ। अब, लंदन जा रहे हैं। वहां पत्रकार बरखा दत्त के "WeTheWomen" कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर पर बात करेंगे। यह सब कुछ खांसी और सर्दी से जूझते हुए हो रहा है।'

शशि थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ की

असल में, शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भूमिका की प्रशंसा से भारतीय राजनीति में हलचल मच गई। थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कूटनीतिक सफलता की सराहना करते हुए मोदी को भारत के लिए वैश्विक स्तर पर एक पूंजी (Prime Asset) करार दिया। उन्होंने मोदी की ऊर्जा, प्रभावशाली संवाद और वैश्विक नेतृत्व क्षमता को भारतीय छवि के लिए फायदेमंद बताया।

थरूर के बयान पर उन्हें कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया

हालांकि, थरूर की यह टिप्पणी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को रास नहीं आई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे अप्रत्यक्ष रूप से निशाने पर लेते हुए कहा कि “कुछ लोग पहले मोदी और बाद में देश के बारे में सोचते हैं।” खरगे का यह बयान पार्टी के उस पारंपरिक रुख को दर्शाता है, जिसमें बीजेपी और पीएम मोदी की नीतियों का तीखा विरोध प्रमुख रहा है।

इस बयानबाजी के बीच थरूर ने एक क्रिप्टिक सोशल मीडिया पोस्ट किया: “उड़ने की इजाज़त मत मांगो, पंख तुम्हारे हैं और आसमान किसी का नहीं होता।” इसे राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस नेतृत्व को एक साफ संदेश माना कि थरूर अपने विचार व्यक्त करने में स्वतंत्र रहेंगे। बहरहाल, इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस के अंदर एक विचारधारात्मक दरार को उजागर किया है।
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